THE GREATEST GUIDE TO SHIV CHALISA LYRICS IN MARATHI

The Greatest Guide To shiv chalisa lyrics in marathi

The Greatest Guide To shiv chalisa lyrics in marathi

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भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।

अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

नमो नमो जय नमो शिवाय । सुर ब्रह्मादिक here पार न पाय ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥

आपके पास पूजा के लिए दूध दही घी शक्कर शहद यानि पंचामृत तथा चंदन पुष्प बेलपत्र त्रिशूल डमरू आदि होने चाहिए अगर आपका व्रत है तो शाम को पूजा करने के बाद ही व्रत खोलें अंत में प्रसाद वितरण करें

पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।

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